The 5-Second Trick For hindi story
The 5-Second Trick For hindi story
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गांव के लोग भी बिना डरे उस वृक्ष के नीचे जाने लगे।
नैतिक शिक्षा – जो दूसरों के दर्द को समझता है उसे दुःख छू भी नहीं पता।
यह इंसान के शरीर में दिल के धड़कने और उसके जीवित रहे आने की कहानी है.
अगले दिन शायरा को पता चलता है की यह हार रानी का है और वह इसके खोने से बहुत परेशां है। शायरा मायूस हो गयी। पर आखरी में शायरा ने उस हार को रानी को वापस लौटाने का निर्णय लिया और राजमहल की तरफ चल पड़ी। रानी अपना हार वापस पा कर बहुत खुश हुई और उसने बदले में शायरा की कोई एक इच्छा पूरी करने का वादा किया। शायरा ने रानी से कहा की दिवाली वाली रात को पूरे गाँव में तक तक अँधेरा रखा जाए जब तक वह एक आतिशबाजी कर के इशारा न दे। उसके बाद सब रौशनी कर सकते हैं।
उनकी अन्य कहानियां भी अपनी अनगढ़ता के बावजूद महत्वपूर्ण हैं.
एक दिन चुनमुन ने बच्चों को उड़ना सिखाने के लिए कहा।
Ethical of the small hindi story – Exertions with smartness is the key to achievement. Often give attention to clever function.
उसने राजा के बेटे को घटना सुनाई और उसे झरने के पास ले गया। वहां पहुंचने पर उन्होंने देखा कि शेर परी की गोद में सो रहा है। उन्होंने परी को महल में ले जाने का फैसला किया जबकि मंत्री का बेटा शेर के साथ ही रहा। थोड़ी देर बाद जब शेर उठा तो लड़के ने कहा कि उसका दोस्त परी को महल में ले गया है। शेर फिर हँसा और उससे कहा कि अगर राजा का बेटा सच्चा दोस्त होता तो वह उसे शेर के साथ कभी here अकेला नहीं छोड़ता। फिर उसने तीन महान मित्रों- एक राजा, एक पुजारी और एक भवन निर्माता की कहानी सुनाना शुरू किया, जिन्होंने दोस्ती का सही अर्थ दिखाया और अंत तक हमेशा एक-दूसरे के साथ रहे।
ऐसा करते करते चुनमुन के बच्चे आसमान में उड़ने लगे थे।
इमेज कैप्शन, मन्नू भंडारी ने 'यही सच है', 'अकेली' और 'मैं हार गई' जैसी प्रसिद्ध कहानियाँ लिखीं.
The story unfolds in the standpoint of the protagonist who witnesses the horrors of partition and the following difficulties confronted by folks on either side of the newly drawn border. By way of vivid storytelling, this Hindi fiction ebook captures the human expense of partition, portraying the emotional turmoil, reduction, and displacement expert from the characters. Kitne Pakistan
रितेश का कक्षा तीसरी में पढ़ता था। उसके पास तीन छोटे प्यारे प्यारे खरगोश थे। रितेश अपने खरगोश को बहुत प्यार करता था। वह स्कूल जाने से पहले पाक से हरे-भरे कोमल घास लाकर अपने खरगोश को खिलाता था। और फिर स्कूल जाता था। स्कूल से आकर भी उसके लिए घास लाता था।
विमला खाना परोस रही थी। कमल बैठा पत्र लिख रहा था। वह सोचता था कि जब इसे समाप्त कर लूँगा, तब उठूँगा। देर ही क्या है, कुछ भी तो और अधिक नहीं लिखना है। बस, यही दो-तीन, हाँ दो ही पंक्तियाँ और लिखने को हैं कि फिर मैं हूँ और भोजन। और विमला मन-ही-मन झुँझला भगवतीप्रसाद वाजपेयी
कहानी के जोबन का उभार और बोल-चाल की दुलहिन का सिंगार किसी देश में किसी राजा के घर एक बेटा था। उसे उसके माँ-बाप और सब घर के लोग कुँवर उदैभान करके पुकारते थे। सचमुच उसके जीवन की जोत में सूरज की एक सोत आ मिली थी। उसका अच्छापन और भला लगना कुछ ऐसा न था जो इंशा अल्ला ख़ाँ